
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक के नाम परिवर्तन के संदर्भ में की गई टिप्पणी पर, विपक्षी दलों का विरोध स्वाभाविक है। “यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी ऐंड डेवलपमेंट (उम्मीद) बिल” का नाम बदलने का उद्देश्य विधेयक को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में एक कदम बताया जा रहा है।
जहां तक विपक्ष का सवाल है, वे इस विधेयक को असंवैधानिक और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को प्रभावित करने वाला मानते हैं। विपक्ष का यह मानना है कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों में वृद्धि से धार्मिक और सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा मिल सकता है।
यह विधेयक अगर संसद में पारित होता है, तो इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने का दावा किया जा रहा है, ताकि इस क्षेत्र में विकास हो और बेहतर तरीके से इसका उपयोग हो सके।
हालांकि, यह देखना होगा कि आगामी सत्रों में इसके पारित होने के बाद इसका प्रभाव किस दिशा में जाता है और यह किस तरह से समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित करता है।
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