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नई कारों में आने वाली ‘एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS)’ तकनीक क्या है और यह कैसे काम करती है?

एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) एक उन्नत तकनीकी प्रणाली है जो नई कारों में शामिल की जाती है। यह ड्राइवर को वाहन चलाने में सहायता प्रदान करती है, जिससे वाहन और सड़क सुरक्षा बढ़ती है। ADAS का मुख्य उद्देश्य मानवीय त्रुटियों को कम करना है, जो सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण होती हैं, और इससे दुर्घटनाओं को रोका या कम किया जा सकता है। यह प्रणाली वाहन के आसपास के वातावरण को पहचानती है और ड्राइवर को चेतावनी देती है या स्वचालित रूप से कार्रवाई करती है, जैसे ब्रेक लगाना या स्टीयरिंग समायोजित करना।

ADAS कैसे काम करती है?

ADAS विभिन्न सेंसर, प्रोसेसर और सॉफ्टवेयर के संयोजन से काम करती है। यहां इसका कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण है:

  1. डेटा संग्रह (Sensors का उपयोग): ADAS में कैमरा, रडार, लिडार (LiDAR), अल्ट्रासोनिक सेंसर और इन्फ्रारेड सिस्टम जैसे उपकरण लगे होते हैं। ये सेंसर वाहन के चारों ओर के वातावरण को स्कैन करते हैं, जैसे अन्य वाहनों की स्थिति, पैदल यात्रियों, सड़क चिह्नों, ट्रैफिक सिग्नल और बाधाओं को पहचानते हैं। उदाहरण के लिए, कैमरा लेन मार्किंग्स को ट्रैक करता है, जबकि रडार दूरी और गति मापता है।
  2. डेटा प्रोसेसिंग (Processing): एकत्रित डेटा को माइक्रोप्रोसेसर या विशेष चिप्स (जैसे Mobileye की EyeQ™) द्वारा संसाधित किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर विजन, इमेज प्रोसेसिंग और AI एल्गोरिदम का उपयोग करके वास्तविक समय में निर्णय लेता है। यदि कोई खतरा पहचाना जाता है, तो सिस्टम प्राथमिकता के आधार पर प्रतिक्रिया देता है।
  3. कार्रवाई या चेतावनी (Action or Alert): प्रोसेसिंग के बाद, ADAS ड्राइवर को ऑडियो, विजुअल या हैप्टिक (वाइब्रेशन) चेतावनी दे सकती है, या स्वचालित रूप से वाहन को नियंत्रित कर सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई वाहन आगे अचानक रुकता है, तो सिस्टम ब्रेक लगा सकती है। यह पैसिव (केवल चेतावनी) या एक्टिव (स्वचालित हस्तक्षेप) तरीके से काम करती है।

ADAS वाहन-से-वाहन (V2V) या वाहन-से-इंफ्रास्ट्रक्चर (V2I) संचार का भी उपयोग कर सकती है, जो क्लाउड-आधारित मैप्स या अन्य वाहनों से डेटा साझा करती है।

ADAS के स्तर (Levels of Autonomy)

सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स (SAE) के अनुसार, ADAS को छह स्तरों में वर्गीकृत किया जाता है, जो स्वचालन की डिग्री पर आधारित हैं:

  • लेवल 0: कोई स्वचालन नहीं; केवल सूचना प्रदान करता है (जैसे पार्किंग सेंसर)।
  • लेवल 1: एक कार्य को स्वचालित करता है (जैसे एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल)।
  • लेवल 2: कई कार्यों को स्वचालित करता है (जैसे लेन कीपिंग और क्रूज कंट्रोल का संयोजन)।
  • लेवल 3-5: उच्च स्तर पर वाहन अधिक स्वतंत्र होता है, लेवल 5 पूरी तरह स्वायत्त है।

सामान्य ADAS फीचर्स के उदाहरण

  • फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग: आगे की बाधा पर चेतावनी देता है और ब्रेक लगा सकता है।
  • लेन डिपार्चर वार्निंग और कीपिंग: लेन से बाहर जाने पर चेतावनी और सुधार।
  • ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग: साइड में वाहनों का पता लगाता है।
  • एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल: आगे के वाहन से दूरी बनाए रखता है।
  • ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग: पैदल यात्रियों या वाहनों से टकराव रोकता है।

ADAS से दुर्घटनाएं कम होती हैं, जैसे फॉरवर्ड कोलिजन प्रिवेंशन से 29% तक क्रैश कम हो सकते हैं। यह तकनीक नई कारों में तेजी से अपनाई जा रही है, और भविष्य में स्वायत्त वाहनों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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