नेपाल के रास्ते भारत में घुसे 5 विदेशी नागरिक, तलाशी में मिले उर्दू नोट्स; गिरफ्तारी के बाद हो रही जांच

भारत-नेपाल सीमा के नजदीक मोतिहारी जिले के घोड़ासहन इलाके में शनिवार देर रात एसएसबी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पांच विदेशी संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. इनमें चार सूडानी और एक बोलीविया का नागरिक हैं. इनके पास से उर्दू में लिखे नोट्स, कुछ पुस्तकें और दस्तावेज बरामद हुए हैं. मोतिहारी पुलिस ने मुख्यालय को भी इसकी सूचना दे दी है. पुलिस टीम मामले की जांच में जुट गई है.
पुलिसया सूत्रों के अनुसार, शनिवार रात करीब 9 बजे अठमोहन स्थित 71वीं वाहिनी एसएसबी के समवाय प्रभारी को इनपुट मिला कि पांच संदिग्ध अगरवा गांव से निकले हैं. इनमें चार लोग स्कॉर्पियो और एक व्यक्ति बाइक से बस स्टैंड पहुंचा था. सभी विदेशी नागरिकों ने ‘जय माता दी’ नामक बस में पटना जाने के लिए पहले से ही किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से टिकट बुक करवा रखा था.
भारत-नेपाल सीमा से पांच विदेशी हिरासत में
सभी पटना आने की तैयारी में थे, लेकिन इसकी भनक एसएसपी को लग गई. इसके बाद तत्काल एसएसबी के कमांडेंट ने मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी दी. एसपी ने फौरन घोड़ासहन के थानेदार को पांचों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया. अब सुरक्षा एजेंसी इन विदेशी नागरिकों से पूछताछ कर रही है. पुलिस और एसएसबी ने तत्परता का परिचय देते हुए चारों विदेशियों को पकड़ लिया.
काठमांडू सेंट्रल जेल से फरार दो विदेशी
पकड़े गए विदेशियों की पहचान मोहम्मद कमाल महगोम, मोहम्मद इब्राहिम, उस्मान ऐब्ड उर्फ मोहम्मद इब्राहिम और अहमद डफाला शराफदीन के तौर पर हुई है, जो कि सूडान के रहने वाले हैं. वहीं, पांचवें विदेशी की पहचान बोलीविया के रहने वाले मिगुएल सोलोनो चावेज के तौर पर हुई है. पुलिस की पूछताछ में सूडान के रहने वाले मोहम्मद कलाम और बोलीविया के रहने मिगुएल ने बताया कि वह नेपाल में हुए Gen-Z आंदोलन के दौरान काठमांडू सेंट्रल जेल से फरार हो गए. फिलहाल पुलिस इस मामले में पकड़े गए सभी विदेशियों से पूछताछ कर रही है. साथ ही मामले की गहनता से जांच कर रही है.
(रिपोर्ट-लव कुमार/रक्सौल)