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पानी की टंकी में इंजीनियर का शव, हत्या या आत्महत्या में उलझी पुलिस; देवरिया मेडिकल कॉलेज में मिला था

up-news-1280-720-79 पानी की टंकी में इंजीनियर का शव, हत्या या आत्महत्या में उलझी पुलिस; देवरिया मेडिकल कॉलेज में मिला था

उत्तर प्रदेश के देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बिल्डिंग के 5वें फ्लोर पर स्थित पानी की टंकी में एक अज्ञात व्यक्ति की सड़ी-गड़ी लाश मिलने से हड़कंप मच गया. पुलिस ने 6 अक्टूबर को पानी की टंकी से लाश बरामद की थी. इस शव की शिनाख्त हो चुकी है. शव की पहचान अशोक गावड़े के रूप में हुई है जो महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला था. पेशे से इंजीनियर था और एमएससी केमिस्ट्री की पढ़ाई कर चुका था.

पुलिस जांच में सामने आया है कि अशोक गावड़े ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में इंजीनियर के तौर पर काम किया था. बाद में उसने खुद की एक केमिकल फैक्ट्री शुरू की, लेकिन फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद वह गहरे डिप्रेशन में चला गया. बताया जा रहा है कि इसी तनाव के चलते उसकी पत्नी अनीता गावड़े से भी रिश्ते बिगड़ गए, और पिछले चार सालों से दोनों अलग-अलग जगहों पर रह रहे थे.

पुलिस ने पत्नी से की पूछताछ

इस घटना को लेकर देवरिया पुलिस ने शव की पहचान के लिए दो टीमों का गठन किया था. एक टीम महाराष्ट्र के पनवेल पहुंची और मृतक की पत्नी अनीता गंडवे से फोटो और वीडियो के जरिए पहचान कराई. वहीं दूसरी टीम गोरखपुर के हमयपुर पहुंची और मृतक के साले प्रफुल्ल से मिली. प्रफुल्ल ने पुलिस को बताया कि 22 सितंबर को अशोक मुंबई से गोरखपुर आया था और पैसे लेकर वापस जाने की बात कहकर घर से निकला. उसने उसे 1200 रुपए दिए थे, लेकिन इसके बाद अशोक कहां गया, इसकी किसी को जानकारी नहीं थी.

ऐसे मिला सुराग

इधर देवरिया में पूर्वांचल चौराहे के रहने वाले सुरेश यादव ने खुलासा किया कि 25 सितंबर की सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान उन्हें एक अज्ञात बीमार व्यक्ति मिला जो चलने-फिरने में असमर्थ था. मानवता का परिचय देते हुए उन्होंने 108 एंबुलेंस बुलवाई और उसे देवरिया मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया. इमरजेंसी रजिस्टर में भी अशोक गावड़े नाम दर्ज मिला है, जिसे डॉक्टरों ने सर्जिकल वार्ड में भेजने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बाद से वह कहां गया, किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. और फिर 6 अक्टूबर को उसी मेडिकल कॉलेज की टंकी में उसका शव मिलने से सनसनी फैल गई.

पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि 25 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक अशोक गंडवे कहां था? जब वह चलने-फिरने में असमर्थ था, तो वह मेडिकल कॉलेज की पांचवीं मंजिल पर बनी टंकी तक आखिर कैसे पहुंचा? क्या यह आत्महत्या है या फिर हत्या का मामला है. फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है. वहीं पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पूरी सच्चाई सामने आएगी.

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