भारत में मैं घर पर कितनी नकदी रख सकता हूँ ? कानून क्या कहता है?
भारत में घर पर नकदी रखने की मात्रा के संबंध में कोई स्पष्ट कानूनी सीमा नहीं है, जिसे कोई व्यक्ति निजी उपयोग के लिए रख सकता है। हालांकि, कुछ कानूनी और कर-संबंधी नियमों का ध्यान रखना जरूरी है:
- आयकर नियम: आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, यदि आपके पास बड़ी मात्रा में नकदी है, तो आपको यह साबित करना होगा कि यह राशि वैध स्रोतों से आई है, जैसे वेतन, व्यवसाय, संपत्ति बिक्री, या अन्य कर योग्य आय। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते, तो आयकर विभाग इसे “अघोषित आय” मान सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कर, जुर्माना, या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- नकदी लेनदेन पर सीमा: आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, किसी एक व्यक्ति से एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक नकद लेनदेन (चाहे वह भुगतान हो या प्राप्ति) प्रतिबंधित है। हालांकि, यह नियम घर पर नकदी रखने पर सीधे लागू नहीं होता, लेकिन इससे जांच का जोखिम बढ़ सकता है।
- कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग: यदि आपके घर पर अत्यधिक नकदी मिलती है और आप इसके स्रोत की व्याख्या नहीं कर पाते, तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) या अन्य एजेंसियां इसे मनी लॉन्ड्रिंग या काला धन मान सकती हैं। यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत जांच का कारण बन सकता है।
- नोटबंदी के बाद नियम: 2016 की नोटबंदी के बाद, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नकदी के बड़े भंडार पर नजर रखते हैं। यदि आपके पास असामान्य रूप से बड़ी राशि है, तो आपको इसके स्रोत के बारे में पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रैक्टिकल सलाह:
- घर पर बड़ी मात्रा में नकदी रखने से बचें, क्योंकि यह चोरी या अन्य जोखिमों को बढ़ा सकता है।
- यदि आपके पास वैध स्रोतों से नकदी है, तो रिकॉर्ड (जैसे बैंक निकासी, बिक्री रसीद, या कर रिटर्न) रखें।
- बैंक खातों में पैसे जमा करना सुरक्षित और पारदर्शी है।
कानून घर पर नकदी रखने की मात्रा पर स्पष्ट सीमा नहीं लगाता, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि नकदी वैध स्रोतों से हो और इसके दस्तावेज उपलब्ध हों। यदि आप बड़ी राशि रखते हैं, तो आयकर विभाग या अन्य प्राधिकरण पूछताछ कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, किसी कर सलाहकार या वकील से परामर्श करें।
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