भोपाल: जर्मन किताबें पढ़कर 10वीं पास ने बना दिया नकली नोट छापने का नेटवर्क, गिरफ्तार

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नकली नोटों को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक युवक की घर में चल रही फर्जी करेंसी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. आरोपी विवेक यादव पिछले एक साल में 6 लाख रुपए से ज्यादा के नकली नोट बाजार में खपा चुका था. दुकानदारों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और आरोपी को करोंद इलाके से गिरफ्तार कर लिया.
तलाशी में पुलिस को 500500 रुपए के 2 लाख से अधिक नकली नोट मिले, जिन्हें आरोपी एक-एक कर मार्केट में चलाता था. घर से पुलिस ने नोट प्रिंटिंग के लिए लगाया गया पूरा मैकेनिज्म भी जब्त किया है.
नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल बरामद
जांच में पता चला है कि आरोपी के पास से 30 लाख रुपए से अधिक के नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल बरामद हुआ है. ऑनलाइन खरीदे गए इस सामान का इस्तेमाल वह बीते कई महीनों से कर रहा था. सिर्फ़ 10वीं पास आरोपी विवेक यादव ने नकली नोट बनाने की तकनीक सीखने के लिए कई जर्मन राइटर्स की किताबें पढ़ी थीं.
यूपी का रहने वाला विवेक यादव लंबे समय से प्रिंटिंग के काम में जुड़ा हुआ था और भोपाल के पिपलानी थाना क्षेत्र के करोंद इलाके में किराए से रह रहा था. पुलिस के अनुसार मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं.

5 लाख के नकली नोट बाजार में खपाया
आरोपी अब तक 5 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में खपा चुका है. नकली नोट तैयार करने के बाद आरोपी अपने किराए के ठिकाने से दूर शहर के दूसरे इलाकों में जाता था. वहां वह 500 रुपए के नकली नोट से छोटा-मोटा सामान खरीदता था और बदले में खुल्ले में असली नोट हासिल कर लेता था. अब तक की पूछताछ में स्वीकार किया है कि 5-6 लाख के नकली नोट बाजार में खपा चुका है.