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मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन, रिटायरमेंट से पहले CJI बीआर गवई ने कही बड़ी बात

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भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने गुरुवार को कहा कि वह बौद्ध धर्म का पालन करते हैं, लेकिन वह वास्तव में एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं जो सभी धर्मों में विश्वास रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) द्वारा आयोजित एक विदाई समारोह में बोलते हुए, गवई ने अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि देश की न्यायपालिका ने उन्हें बहुत कुछ दिया है.

बीआर गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, और शुक्रवार (आज) सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्य दिवस होगा. गवई ने कहा कि मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन मुझे धार्मिक पढ़ाई या धर्म से जुड़ी गहरी जानकारी ज़्यादा नहीं है. मैं वास्तव में धर्मनिरपेक्ष हूं और मैं हिंदू धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सबमें विश्वास रखता हूं.

सीजेआई ने याद करते हुए कहा कि मैंने यह अपने पिता से सीखा है. वह धर्मनिरपेक्ष और डॉ. आम्बेडकर के ज्ञानयुक्त अनुयायी थे. बड़े होते हुए, जब हम उनके साथ राजनीतिक समारोहों में जाते थे और उनके दोस्त कहते थे, यहां आओ, यहां की दरगाह प्रसिद्ध है, या यहां का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है, तो हम जाते थे.

गवई ने कहा कि वह केवल डॉ. आम्बेडकर और संविधान की वजह से ही इस वर्तमान पद तक पहुंच पाए. उन्होंने कहा कि अन्यथा, मुझे नहीं लगता कि किसी नगरपालिका के स्कूल में ज़मीन पर बैठकर पढ़ने वाला कोई भी लड़का कभी इसका सपना देख सकता था. मैंने भारतीय संविधान के चार आधारभूत सिद्धांतों – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के अनुसार जीने की कोशिश की है. गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को केवल सीजेआई-केंद्रित अदालत नहीं होना चाहिए, बल्कि सभी न्यायाधीशों का न्यायालय होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक बहुत बेहतरीन संस्था है. जब तक न्यायाधीशों, बार, रजिस्ट्री और कर्मचारियों सहित सभी हितधारक मिलकर काम नहीं करते, अदालत कार्य नहीं कर सकती. जहां बार की समस्याओं की बात है, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एससीएओआरए को हमेशा साथ लिया जाना चाहिए. वहां मौजूद सीजेआई-नामित न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि वह गवई को दो दशकों से जानते हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए न्याय के प्रति निवर्तमान सीजेआई का समर्पण वास्तव में सराहनीय है.

न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि मैंने न्यायमूर्ति गवई के मानवीय पक्ष को देखा है. वह विनम्र, मिलनसार और एक महान मेज़बान हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी, वह संस्था का मार्गदर्शन करते रहेंगे. उनका अनुभव संस्था के लिए एक संपत्ति बना रहेगा. एससीएओआरए के अध्यक्ष विपिन नायर ने जांच के हिस्से के रूप में जांच एजेंसियों द्वारा वकीलों को तलब करने के मुद्दे का संज्ञान लेने के लिए सीजेआई गवई को धन्यवाद दिया.

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