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ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 क्या है?, Dream11 जैसे ऐप्स बंद होंगे

गेमिंग बिल क्या है, क्या Dream11 जैसे ऐप्स बंद होंगे, और 21 अगस्त 2025 को संसद भवन में गेमिंग बिल के लिए क्या हुआ?


ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 क्या है?

ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 (The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) भारत सरकार द्वारा पेश किया गया एक कानून है, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करना और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करना है। यह बिल विशेष रूप से ऑनलाइन मनी गेम्स (पैसे दांव पर लगाकर खेले जाने वाले खेल) पर प्रतिबंध लगाता है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देता है। इसका मुख्य फोकस युवाओं और परिवारों को वित्तीय नुकसान, लत, और मानसिक समस्याओं से बचाना है, जो ऑनलाइन मनी गेम्स के कारण हो रहे हैं।

मुख्य प्रावधान:

  1. ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध:
  • ऑनलाइन मनी गेम्स, जैसे कि ऑनलाइन जुआ, फैंटेसी स्पोर्ट्स (जैसे Dream11), पोकर, रमी, और लॉटरी, पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगे, चाहे वे स्किल-बेस्ड हों या किस्मत पर आधारित।
  • इन गेम्स के विज्ञापन और वित्तीय लेनदेन (बैंकों या भुगतान प्रणालियों के माध्यम से) पर भी रोक होगी।
  1. सजा और जुर्माना:
  • मनी गेम्स की पेशकश या सुविधा देना: 3 साल तक की जेल और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।
  • मनी गेम्स का विज्ञापन करना: 2 साल तक की जेल और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।
  • बार-बार अपराध करने पर: 3-5 साल की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।
  • अपराध संज्ञेय (cognizable) और गैर-जमानती (non-bailable) होंगे, यानी पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी और तलाशी ले सकती है।
  1. ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा:
  • ई-स्पोर्ट्स (प्रतिस्पर्धी गेमिंग) को वैध और मान्यता प्राप्त खेल का दर्जा दिया जाएगा।
  • सरकार ई-स्पोर्ट्स के लिए प्रशिक्षण अकादमियां, अनुसंधान केंद्र, और नीतियां बनाएगी।
  • सोशल और शैक्षिक गेम्स (जो मनोरंजन और कौशल विकास के लिए हों, बिना पैसे के दांव के) को प्रोत्साहन मिलेगा।
  1. ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण:
  • एक राष्ट्रीय स्तर का प्राधिकरण स्थापित होगा, जो गेम्स को वर्गीकृत करेगा, नियमों की निगरानी करेगा, और शिकायतों का समाधान करेगा।
  1. सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा:
  • बिल का उद्देश्य मनी गेम्स से होने वाली लत, वित्तीय नुकसान, और आत्महत्याओं को रोकना है।
  • सरकार का दावा है कि ऑनलाइन मनी गेम्स से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे खतरे भी बढ़ रहे हैं।

उद्देश्य:

  • समाज को मनी गेम्स के नकारात्मक प्रभावों (जैसे लत, परिवारों का बर्बाद होना, आत्महत्याएं) से बचाना।
  • भारत को ई-स्पोर्ट्स और रचनात्मक गेमिंग का वैश्विक केंद्र बनाना।
  • डिजिटल मंच को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाना।


क्या Dream11 जैसे ऐप्स बंद होंगे?

हां, Dream11, My11Circle, Games24X7, और Mobile Premier League जैसे ऑनलाइन मनी गेमिंग ऐप्स पर इस बिल का सीधा असर पड़ेगा। ये ऐप्स फैंटेसी स्पोर्ट्स की श्रेणी में आते हैं, जहां उपयोगकर्ता पैसे दांव पर लगाकर खेलते हैं और पुरस्कार जीतने की उम्मीद रखते हैं। बिल के अनुसार:

  • प्रतिबंध: ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, संचालन, विज्ञापन, और वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से निषिद्ध होंगे। इसका मतलब है कि Dream11 जैसे ऐप्स को अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ सकती हैं या उन्हें गैर-मनी गेमिंग मॉडल (जैसे सब्सक्रिप्शन-बेस्ड) में बदलना होगा।
  • प्रभाव:
  • आर्थिक प्रभाव: भारत का गेमिंग उद्योग, जिसकी कीमत 3.8 अरब डॉलर है, पर बड़ा असर पड़ेगा। ये ऐप्स वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करते हैं और सालाना 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स देते हैं। बिल के लागू होने से यह “सनराइज सेक्टर” प्रभावित हो सकता है।
  • क्रिकेट स्पॉन्सरशिप: Dream11 ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 358 करोड़ रुपये और My11Circle ने IPL के लिए 625 करोड़ रुपये की स्पॉन्सरशिप दी है। बिल के कारण इन सौदों पर असर पड़ेगा, और क्रिकेटरों की व्यक्तिगत डील्स भी प्रभावित हो सकती हैं।
  • नौकरियां: ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री लाखों लोगों को रोजगार देती है। इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और अन्य संगठनों ने दावा किया है कि बिल से नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
  • संभावित बदलाव: कुछ विशेषज्ञों (जैसे स्पोर्ट्स लॉयर विदुष्पत सिंघानिया) का मानना है कि ये कंपनियां सब्सक्रिप्शन मॉडल अपनाकर गैर-मनी गेम्स में बदल सकती हैं, लेकिन उनका राजस्व काफी कम हो जाएगा।
  • विरोध: इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बिल का विरोध किया है, यह दावा करते हुए कि यह उद्योग को ठप कर देगा।

21 अगस्त 2025 को, ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी, और यह कानून बनने की प्रक्रिया में आगे बढ़ गया। यहाँ 21 अगस्त को हुई प्रमुख घटनाएँ हैं:

  1. राज्यसभा में पारित:
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिल को राज्यसभा में पेश किया।
  • बिल को बिना किसी चर्चा के, हंगामे के बीच, ध्वनिमत (वॉयस वोट) से पारित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर नारेबाजी की, जिसके कारण संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बिना बहस के बिल पास करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उपसभापति हरिवंश ने स्वीकार कर लिया।
  • वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेम्स समाज में एक बड़ी समस्या बन गए हैं, जिसके कारण लोग अपनी जीवन भर की कमाई गंवा रहे हैं, परिवार बर्बाद हो रहे हैं, और आत्महत्याएं हो रही हैं। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे खतरों का भी हवाला दिया।
  1. लोकसभा में पहले ही पारित:
  • बिल को 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया था।
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूछा था कि क्या सदन बिल पर चर्चा करना चाहता है, लेकिन विपक्षी हंगामे के कारण इसे बिना बहस के पास कर दिया गया।
  1. राष्ट्रपति की मंजूरी:
  • 22 अगस्त 2025 को, बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई, जिसके बाद यह कानून बन गया।
  1. मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान:
  • वैष्णव ने कहा कि यह बिल समाज के कल्याण को प्राथमिकता देता है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किया है। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग को ड्रग्स की लत जैसा बताया और इसके सामाजिक नुकसानों पर जोर दिया।
  • उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगी, इसके लिए प्राधिकरण बनाएगी, और गेम निर्माताओं को सहायता देगी।
  1. सामाजिक प्रभाव:
  • सरकार का अनुमान है कि 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन मनी गेम्स में 20,000 करोड़ रुपये हार जाते हैं, जिससे गरीब परिवार कर्ज में डूब रहे हैं और युवाओं में मानसिक समस्याएं और आत्महत्याएं बढ़ रही हैं।
  • बिल को सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक नुकसान से बचाने के लिए एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

बिल का प्रभाव और भविष्य

  • Dream11 और अन्य ऐप्स: Dream11 जैसे फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स को या तो अपनी सेवाएं बंद करनी होंगी या गैर-मनी गेमिंग मॉडल अपनाना होगा। उद्योग संगठनों का कहना है कि इससे लाखों नौकरियां और अरबों रुपये का राजस्व प्रभावित होगा।
  • ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: यह बिल भारत को 2027 में होने वाले पहले ई-स्पोर्ट्स ओलंपिक्स (सऊदी अरब में) के लिए तैयार कर सकता है। सरकार प्रशिक्षण और नीतियों के माध्यम से इस क्षेत्र को बढ़ावा देगी।
  • सामाजिक लाभ: बिल से परिवारों को वित्तीय नुकसान और लत से बचाने की उम्मीद है, खासकर गरीब और युवा वर्ग के लिए।
  • विरोध: गेमिंग इंडस्ट्री ने बिल का विरोध किया है, इसे उद्योग के लिए हानिकारक बताया है। यह भविष्य में कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकता है।

ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 एक सख्त कानून है, जो ऑनलाइन मनी गेम्स (जैसे Dream11, My11Circle) पर प्रतिबंध लगाता है, ताकि समाज को वित्तीय और मानसिक नुकसान से बचाया जा सके। 21 अगस्त 2025 को, इसे राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिना बहस के पारित किया, और 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। यह बिल Dream11 जैसे ऐप्स को बंद करने या उनके मॉडल को बदलने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे गेमिंग उद्योग और क्रिकेट स्पॉन्सरशिप पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि, यह ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा, जिससे भारत इस क्षेत्र में वैश्विक नेता बन सकता है।


प्रभाव और प्रतिक्रियाएं

  • Dream11 जैसे ऐप्स पर असर: Dream11, My11Circle, Games24X7, MPL, और अन्य फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स ने अपने मनी गेमिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए हैं। उदाहरण के लिए, Dream11 ने अपने “Pay to Play” कॉन्टेस्ट और नए ऐप्स (Dream Picks, Dream Play) को निलंबित कर दिया है। उपयोगकर्ता अपने बैलेंस निकाल सकते हैं, लेकिन नए डिपॉजिट या गेम्स बंद हो गए हैं।
  • उद्योग का विरोध: ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और अन्य संगठनों ने बिल को “उद्योग के लिए मौत की सजा” बताया है। उनका कहना है कि यह 3.8 अरब डॉलर के उद्योग को नष्ट करेगा, लाखों नौकरियां खतरे में डालेगा, और उपयोगकर्ताओं को अवैध ऑफशोर बेटिंग साइट्स की ओर धकेल देगा।
  • अवैध बेटिंग का जोखिम: विशेषज्ञों (जैसे Bloomberg,) का मानना है कि प्रतिबंध से उपयोगकर्ता क्रिप्टोकरेंसी और VPN का उपयोग करके विदेशी बेटिंग साइट्स पर जाएंगे, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी बढ़ सकती है।
  • सामाजिक समर्थन: कई सामाजिक संगठनों, माता-पिता, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बिल का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि यह समाज को लत और वित्तीय नुकसान से बचाएगा।
  • कानूनी चुनौतियां: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उद्योग इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले फैंटेसी स्पोर्ट्स को “स्किल-बेस्ड” माना था, न कि जुआ।
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