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शेयर बाजार को लगी ‘ट्रंप’ की नजर, 6 दिन में डूब गए निवेशकों के 14 लाख करोड़

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फार्मा पर टैरिफ लगाने और H-1B वीजा के लिए आवेदन शुल्क बढ़ाने को लेकर किए गए फैसले ने मार्केट की चाल ही बदल दी है. भारतीय शेयर बाजार लगातार 6 दिनों से गिरावट का रुख बना हुआ है. निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं. आइए समझते हैं कि बाजार में बिकवाली क्यों हो रही है.

भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स आज यानी हफ्ते के पहले कारोबारी दिन को 61.52 अंक की गिरावट के साथ 80,364.94 पर बंद हुआ. यह गिरावट लगातार 6वें दिन बनी रही है. बीएसई का मार्केट कैप जो शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को 4,66,32,723.37 करोड़ रुपये था. वह आज सोमवार को घटकर 4,51,50,839.89 करोड़ रुपये रह गया. यानी कि निवेशकों को बीते 6 दिनों में कुल 1,481,883.48 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. वहीं, निफ्टी 50 भी आज 19.80 अंक की गिरावट के साथ 24,634.90 पर बंद हुआ. ये दोनों इंडेक्स करीब 3 फीसदी तक टूट चुके हैं.

क्यों गिर रहा है बाजार?

ट्रंप टैरिफ- पिछले सत्रों में भारतीय शेयर बाजार में आई गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क में बढ़ोतरी और दवा आयात पर टैरिफ लगाए जाने का फैसला है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली और नए सकारात्मक संकेतों की कमी भी मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित कर रही है. जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव भरा सत्र बिना किसी स्थिरता के समाप्त हुआ. छुट्टियों वाले संक्षिप्त सप्ताह और लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली से पहले निवेशक अधिक सतर्क हो गए.

अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में स्पष्टता का अभाव और आईटी व फार्मा सूचकांकों पर लंबे समय से दबाव बाजार के लिए निकट भविष्य की चिंताएं हैं. नायर ने कहा कि निवेशक बुधवार को आरबीआई की नीतिगत नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक रुपये में अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा.

टेक्निकल फैक्टर- मिंट की एक रिपोर्ट में कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने बताया कि निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक बेयरिश कैंडल बनाया है, और इंट्राडे चार्ट में ये लगातार लोअर टॉप बना रहा है, जो बाजार के लिए निगेटिव सिग्नल है. चौहान का कहना है कि शॉर्ट टर्म में बाजार कमजोर दिख रहा है, लेकिन क्योंकि बाजार ओवरसोल्ड है, इसमें तेजी से रिकवरी की अच्छी संभावना है.

चौहान ने कहा कि इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए 24,800 एक तुरंत रजिस्टेंस लेवल है. अगर बाजार इस लेवल को पार कर लेता है, तो ये 24,900-24,925 तक उछल सकता है. लेकिन अगर 24,600 के नीचे गया, तो सेलिंग प्रेशर बढ़ सकता है. इस लेवल के नीचे, बाजार 24,500-24,450 के लेवल को फिर से टेस्ट कर सकता है. वहीं, रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा का कहना है कि ओवरसोल्ड स्थिति की वजह से अब निफ्टी में कुछ कंसॉलिडेशन हो सकता है. 24,400-24,500 के आसपास मजबूत सपोर्ट है, और 24,800-25,000 पर रजिस्टेंस है.

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