Pitra Dosh: पितृ दोष के कारण होती हैं ये समस्याएं, पितृ पक्ष में इन उपायों से पाएं छुटकारा!

Pitra Dosh Remedies: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है, जिसका समापन आश्विन अमावस्या पर होता है. 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष को पूर्वजों को प्रसन्न और उनकी कृपा पाने के लिए सबसे शुभ अवसर माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं. ऐसे में अगर इस दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाए, तो पूर्वजों की कृपा से मिलती है, जिससे जीवन में आने वाले सभी दुख-संकट दूर होते हैं. इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से होगी और अगले महीने यानी 21 सितंबर को समापन होगा.
ज्योतिष के मुताबिक, पितृ दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है. पितृ दोष लगने का मुख्य कारण है पूर्वजों की अतृप्त आत्माएं. ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान आप कुछ आसान उपायों से पितृ दोष से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं पितृ दोष के लक्षण और उपाय.
पितृ दोष के लक्षण
- परिवार में किसी न किसी सदस्य का लगातार बीमार रहना.
- घर में अशांति और क्लेश का माहौल.
- कारोबार में लगातार नुकसान या आर्थिक तंगी.
- संतान प्राप्ति में कठिनाई होना.
- बच्चों का शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर होना.
- किसी भी काम में बार-बार बाधा आना.
- मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना.
- विवाह में रुकावटें आना.
- सपने में बार-बार पूर्वजों का दिखना.
पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस पेड़ में पितरों का वास माना गया है. पितृ पक्ष में पीपल के पेड़ पास दीपक में काले तिल डालकर जलाएं और उसकी परिक्रमा लगाएं. इस आसान से उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
जीवन में तरक्की के लिए
वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा को पितरों को दिशा माना जाता है. ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान दक्षिण दिशा में रोजाना दीपक जलाना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा से जीवन में तरक्की के योग बनते हैं.
पितृ दोष खत्म करने के लिए क्या उपाय करें?
पितरों की कृपा पाने और उनको प्रसन्न करने के लिए पितृ पक्ष के दौरान रोजाना नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है.
पितृ के मंत्र
1. ॐ पितृ देवतायै नम:।
2. ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम।
3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
4. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
5. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)