Ayodhya News: संत की मौत के बाद पुलिस ने सील किया रावत मंदिर, संतों में भारी आक्रोश

अयोध्या के प्रसिद्ध रावत मंदिर में एक संत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. घटना के बाद स्थानीय संत समाज में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. प्रशासन ने विवाद को देखते हुए मंदिर परिसर और ठाकुर जी के मंदिर को सील कर दिया है. जिससे संतों और श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई है.
जानकारी के अनुसार रावत मंदिर में एक कल्पवासी संत की भी मौत की सूचना मिली है. जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं. शुक्रवार सुबह प्रशासन ने धारा 145 के तहत मंदिर को सीज किया और मंदिर के भीतर किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी गई.
इस घटना को लेकर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी स्पष्ट कारण के कार्रवाई करते हुए मंदिर को सील कर दिया. जबकि मंदिर के सेवकों और संतों के बीच कोई आंतरिक विवाद नहीं है. आश्रम में रह रहे करीब आधा दर्जन संतों के मोबाइल फोन भी पुलिस ने पिछले एक हफ्ते से जब्त कर रखे हैं. इससे भी संत काफी नाराज हैं.
संत बालक दास की वसीयत रजिस्टर्ड होने के बावजूद संत समाज का आरोप है कि पुलिस कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर मंदिर और आश्रम पर जबरन कब्जा करना चाहती है. संतों का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई एक साजिश के तहत की गई है.
धार्मिक अस्थाओं का अपमान
घटना के विरोध में अयोध्या के अनेक संतों ने धरना शुरू कर दिया है और दीपोत्सव के बहिष्कार की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि भगवान के मंदिर को सील करना धार्मिक आस्थाओं का अपमान है. संतों के विरोध के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ा और अंततः मंदिर के गर्भगृह का ताला खोला गया.
संतों ने दी चेतावनी
मंदिर के सेवकों और संतों का दावा है कि मंदिर में किसी तरह का आंतरिक झगड़ा नहीं था और पुलिस ने जबरन कार्रवाई की है. फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर मंदिर से सील हटाकर न्याय नहीं दिया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.