झारखंड में INDIA गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) का सफल होना कई प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक तत्वों पर निर्भर करेगा। यहाँ पर कुछ ऐसे पहलू हैं जो इस गठबंधन के झारखंड में चलने या नहीं चलने का फैसला करेंगे:
1. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का मजबूत आधार
झारखंड में JMM का बहुत मजबूत आधार है, खासकर आदिवासी और स्थानीय समुदायों में। JMM की नेतृत्व क्षमता और उसका राज्य सरकार में प्रमुख स्थान गठबंधन के लिए एक सकारात्मक पहलू हो सकता है। अगर JMM और कांग्रेस के बीच तालमेल सही रहा, तो गठबंधन को एक मजबूती मिल सकती है। JMM पहले से कांग्रेस के साथ गठबंधन में है और यदि ये पार्टियाँ एकजुट रहती हैं, तो झारखंड में गठबंधन को मजबूती मिल सकती है।
2. कांग्रेस और RJD का सहयोग
कांग्रेस और RJD दोनों ही झारखंड में राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। कांग्रेस के पास आदिवासी और पिछड़ी जातियों में एक मजबूत जनाधार है, जबकि RJD का प्रभाव राज्य के कुछ हिस्सों में है। अगर ये दोनों दल मिलकर काम करते हैं और एक साझा रणनीति अपनाते हैं, तो झारखंड में गठबंधन की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। इन दोनों दलों का गठबंधन झारखंड में बीजेपी को चुनौती दे सकता है।
3. बीजेपी का मजबूत आधार और चुनौती
झारखंड में बीजेपी की एक मजबूत उपस्थिति है, खासकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में। बीजेपी ने राज्य में कई बार अपनी सरकार बनाई है और वह इस गठबंधन को चुनौती देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएगी। बीजेपी के पास संगठनात्मक ताकत है, और वह गठबंधन के सामने अपने वोटबैंक को मजबूत करने की पूरी कोशिश करेगी। इसलिए, गठबंधन को बीजेपी की रणनीतियों से निपटना होगा।
4. आदिवासी और क्षेत्रीय मुद्दे
झारखंड में आदिवासी समुदाय और स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। अगर INDIA गठबंधन इन मुद्दों को सही तरीके से उठाता है और आदिवासी समाज को अपने पक्ष में करता है, तो यह गठबंधन को राज्य में व्यापक समर्थन मिल सकता है। JMM के लिए आदिवासी हितों की रक्षा करना हमेशा प्रमुख मुद्दा रहा है, और अगर गठबंधन इस पर जोर देता है, तो यह लाभकारी हो सकता है।
5. गठबंधन में सामंजस्य
गठबंधन की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके अंदर की पार्टियाँ एकजुट होकर काम करती हैं या नहीं। कांग्रेस, JMM, और RJD के बीच सामंजस्य बनाना बहुत जरूरी होगा, क्योंकि यदि कोई भी पार्टी अपनी अलग रणनीति अपनाती है या किसी मुद्दे पर मतभेद उत्पन्न होते हैं, तो गठबंधन की स्थिति कमजोर हो सकती है।
6. लोकप्रियता और केंद्र सरकार का प्रभाव
झारखंड में अगर केंद्र सरकार के प्रति असंतोष है, तो यह गठबंधन के पक्ष में जा सकता है। लेकिन अगर केंद्र सरकार ने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं या स्थानीय मुद्दों को संबोधित किया है, तो बीजेपी को इसका लाभ मिल सकता है। इससे यह तय होगा कि झारखंड में इंडिया गठबंधन के लिए माहौल कैसा होगा।
झारखंड में INDIA गठबंधन के चलने या नहीं चलने का मुख्य निर्धारण इस बात पर होगा कि गठबंधन की पार्टियाँ आपस में किस प्रकार तालमेल बनाती हैं और किस प्रकार वे राज्य के प्रमुख मुद्दों (जैसे आदिवासी अधिकार, विकास, रोजगार) पर काम करती हैं। JMM, कांग्रेस, और RJD के बीच सामंजस्य और एकजुटता जरूरी होगी। साथ ही, बीजेपी का मजबूत प्रभाव और राज्य की राजनीति के स्थानीय मुद्दे गठबंधन के लिए चुनौती बन सकते हैं।
इसलिए, अगर गठबंधन में सही तालमेल और संगठनात्मक ताकत होती है, और वे स्थानीय मुद्दों को सही तरीके से संबोधित कर पाते हैं, तो झारखंड में INDIA गठबंधन सफल हो सकता है।