समन्वय 2025 में 12 समझौते… DRDO ने 8 नई रक्षा तकनीकें इंडस्ट्री को सौंपी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को समन्वय 2025 नामक इंडस्ट्री मीट में 8 आधुनिक रक्षा तकनीकों को निजी कंपनियों के साथ साझा किया. इस मौके पर 12 लाइसेंसिंग एग्रीमेंट (समझौते) किए गए. कार्यक्रम का आयोजन डीआरडीओ के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन सिस्टम (ECS) क्लस्टर ने किया. इसका मकसद उद्योगों, खासकर एमएसएमई और स्टार्टअप्स, को रक्षा क्षेत्र में नए अवसरों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था.
इन कंपनियों को सौंपी गईं तकनीकें
जिन तकनीकों का ट्रांसफर किया गया है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, सैटेलाइट कम्युनिकेशन टर्मिनल, लेज़र गाइडेंस सिस्टम, और माइक्रोवेव कैथोड तकनीक जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी शामिल हैं. इन्हें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और अन्य निजी कंपनियों को सौंपा गया. कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने किया. उन्होंने कहा, ‘डीआरडीओ और उद्योग मिलकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम कर रहे हैं. हमारे शोध अब सीधे भारतीय सेनाओं की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.’
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
कार्यक्रम में पूर्व सीएसआईआर महानिदेशक डॉ. आर.ए. माशेलकर ने कहा कि भारत में नवाचार (Innovation), उद्योग और शोध संस्थान मिलकर देश को रक्षा तकनीक के नए दौर में ले जा सकते हैं. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 150 से ज्यादा उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. चर्चा के दौरान रक्षा क्षेत्र में इंडस्ट्री और स्टार्टअप्स की भूमिका, नीतिगत सुधार और मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन बढ़ाने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. ‘समन्वय 2025’ को देश में रक्षा तकनीक को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
