क्या दिल्ली वाले साफ़ हवा में कभी साँस ले पाएंगे?
दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार लाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। यह समस्या जटिल है, क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जैसे वाहन, औद्योगिकीकरण, निर्माण कार्य, जलवायु परिवर्तन और आसपास के क्षेत्रों से आने वाला धुंआ। हालांकि, अगर इन समस्याओं पर सामूहिक रूप से ध्यान दिया जाए और प्रभावी कदम उठाए जाएं, तो AQI में सुधार किया जा सकता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधर सकती है:
1. वाहन प्रदूषण को कम करना
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना: दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन जैसे मेट्रो, बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन की संख्या बढ़ाने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देना: इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने से पेट्रोल और डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। दिल्ली सरकार ने कई योजनाओं के तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी देने की योजना बनाई है।
- सीएनजी वाहनों का प्रोत्साहन: दिल्ली में सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने से प्रदूषण कम किया जा सकता है, क्योंकि सीएनजी अन्य ईंधन की तुलना में कम प्रदूषण फैलाता है।
2. कृषि जलाने (पाराली जलाना) पर नियंत्रण
- हर साल उत्तर भारत के राज्यों, खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पाराली जलाने (फसल के अवशेष जलाने) से प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए:
- कृषकों को जागरूक करना: किसानों को पाराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक करना और उन्हें वैकल्पिक तरीके जैसे कृषि अवशेष प्रबंधन उपकरणों (जैसे स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम्स) के बारे में जानकारी देना।
- सरकारी योजनाओं का विस्तार: सरकार को कृषि अवशेष जलाने से बचने के लिए और अधिक सब्सिडी और तकनीकी सहायता देनी चाहिए, ताकि किसान कृषि अवशेषों को बिना जलाए सही तरीके से निपटा सकें।
3. निर्माण कार्यों पर निगरानी
- निर्माण कार्यों से धूल और अन्य प्रदूषक तत्व वातावरण में मिलते हैं, जिससे AQI खराब हो जाता है। इसे नियंत्रित करने के लिए:
- धूल नियंत्रण उपायों का पालन: निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव, धूल अवशोषक की परतें, और धूल के कणों को पकड़ने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- निर्माण कार्यों के घंटे निर्धारित करना: निर्माण कार्यों को दिन के निर्धारित घंटों में ही करने की योजना बनानी चाहिए, ताकि रात के समय प्रदूषण न बढ़े।
4. औद्योगिक प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई
- औद्योगिक यूनिटों की निगरानी बढ़ाना: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को सख्त मानकों और नियमित निरीक्षण के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे उद्योगों को सख्ती से प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
- हरा-भरा स्थान और ग्रीन बेल्ट्स: औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास हरे-भरे क्षेत्रों का निर्माण करने से वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, क्योंकि पौधे प्रदूषकों को सोखने में मदद करते हैं।
5. वनस्पति और हरियाली बढ़ाना
- वृक्षारोपण और हरित क्षेत्रों का विस्तार: अधिक पेड़-पौधे लगाने से वायु में मौजूद CO2, धूल और अन्य प्रदूषकों को अवशोषित किया जा सकता है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। दिल्ली में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाए जा सकते हैं, जैसे कि “ग्रीन दिल्ली” अभियान।
- शहरी गार्डन और हरे-भरे क्षेत्रों का विस्तार: दिल्ली के पार्कों और खुले क्षेत्रों को और हरा-भरा बनाया जा सकता है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।
6. बायोमास जलाने पर प्रतिबंध
- खुले में बायोमास जलाने पर सख्ती: दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में खुले में बायोमास (जैसे पत्तियाँ, लकड़ी, कृषि अवशेष) जलाने पर प्रतिबंध लगाने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।
- बायोमास रिसाइकलिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग: बायोमास को जलाने के बजाय रिसाइकल किया जा सकता है, जैसे बायोमास गैसिफिकेशन या अन्य पुनः उपयोग विधियों के द्वारा।
7. स्मॉग टावर और एयर प्यूरीफायर की भूमिका
- स्मॉग टावरों का निर्माण: दिल्ली में स्मॉग टावर लगाए जा रहे हैं, जो हवा को फिल्टर करके प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह एक अस्थायी समाधान हो सकता है, लेकिन इसके साथ अन्य उपायों को लागू करना जरूरी होगा।
- एयर प्यूरीफायरों का इस्तेमाल: जहां पर प्रदूषण बहुत अधिक हो, वहां एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल किया जा सकता है, खासकर स्कूलों, अस्पतालों और घरों में।
8. सरकारी नीतियाँ और जागरूकता अभियान
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कानून: सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के लिए और सख्त नीतियाँ बनानी चाहिए, और उन पर कड़ाई से अमल भी कराना चाहिए।
- लोगों को जागरूक करना: लोगों को प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक करने और उन्हें प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का पालन करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। जैसे, जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, और ग्रीन गतिविधियों में भाग लेना।
दिल्ली की AQI में सुधार लाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। अगर सरकार, उद्योग, नागरिक और अन्य stakeholders मिलकर काम करें, तो दिल्ली में प्रदूषण को कम किया जा सकता है। प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के साथ-साथ लोगों की जीवनशैली में बदलाव और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी जरूरी है।