प्लेन का माइलेज (Fuel Efficiency) उसकी मॉडल, वजन, रूट, और विंगस्पैन जैसी कई बातों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, जब हम “प्लेन का माइलेज” की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है कि एक विमान कितनी दूरी तय करने के लिए कितनी ईंधन की खपत करता है, यानी फ्यूल इकोनॉमी।
प्लेन के माइलेज को “किलोमीटर प्रति लीटर” या “मील प्रति गैलन” में नहीं मापा जाता, क्योंकि विमान की ईंधन खपत और इसकी रेंज सामान्य वाहनों की तरह नहीं होती। इसके बजाय, विमान के ईंधन की खपत को प्रति किलोमीटर में खर्च होने वाला ईंधन (Fuel consumption per kilometer) या प्रति यात्री के हिसाब से ईंधन खपत (Fuel consumption per passenger) के रूप में मापा जाता है।
सामान्य विमान की ईंधन खपत:
यहाँ कुछ सामान्य विमानों के ईंधन खपत का उदाहरण दिया गया है:
- Boeing 747 (एक लंबी दूरी का विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 12,000 से 15,000 लीटर प्रति घंटा (इसे पंखों और अन्य परिस्थितियों के आधार पर बदल सकती है)
- फ्यूल इकोनॉमी: लगभग 0.2 किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री (यानी, एक यात्री को 1 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 5 लीटर ईंधन की आवश्यकता होती है)
- Airbus A320 (एक छोटा-सा, मध्यम दूरी का विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 2,500 से 3,000 लीटर प्रति घंटा
- फ्यूल इकोनॉमी: लगभग 0.3 किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री
- Boeing 787 Dreamliner (एक आधुनिक और फ्यूल-इफिशियेंट विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 5,000 लीटर प्रति घंटा
- फ्यूल इकोनॉमी: लगभग 0.3 किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री
प्लेन का “पेट” भरने के लिए बहुत अधिक ईंधन की जरूरत होती है, और इसका अंदाजा जमीन पर चलने वाले वाहन, जैसे कार या बाइक से नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि विमान की ईंधन खपत और दूरी तय करने की क्षमता जमीन के वाहनों से बहुत अलग होती है। आइए इस पर थोड़ा और विस्तार से बात करते हैं:
प्लेन का “पेट” भरने के लिए ईंधन की खपत:
विमान का ईंधन खपत (Fuel consumption) उसकी प्रकार, आकार, और लंबाई-चौड़ाई पर निर्भर करती है। विमानों में मुख्य रूप से जेट ईंधन (Jet Fuel) का उपयोग किया जाता है, जिसे Jet-A या Jet-A1 कहा जाता है। यह एक उच्च गुणवत्ता वाला ईंधन होता है, जो विमान के इंजन को उच्च गति से चलाने में मदद करता है।
कुछ सामान्य विमानों की ईंधन खपत:
- Boeing 747 (चार इंजन वाला बड़ा विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 12,000 लीटर प्रति घंटा
- ईंधन क्षमता: लगभग 200,000 लीटर (पूरा टैंक भरने के लिए)
- सतह पर यात्रा: यह विमान लगभग 13-15 घंटे तक उड़ सकता है, यानी एक लंबी दूरी की उड़ान के लिए, जैसे कि न्यू यॉर्क से लंदन तक।
- Airbus A320 (मध्यम दूरी वाला विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 2,500 से 3,000 लीटर प्रति घंटा
- ईंधन क्षमता: लगभग 24,000 लीटर
- सतह पर यात्रा: A320 आमतौर पर 4-6 घंटे की उड़ान भर सकता है, जैसे दिल्ली से मुंबई या दिल्ली से दुबई।
- Boeing 787 Dreamliner (आधुनिक, ईंधन दक्ष विमान):
- ईंधन खपत: लगभग 5,000 लीटर प्रति घंटा
- ईंधन क्षमता: लगभग 33,000 लीटर
- सतह पर यात्रा: यह विमान 14-16 घंटे की उड़ान भर सकता है, जैसे न्यू यॉर्क से टोक्यो।
विमान के माइलेज का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है?
आपने सही कहा कि आमतौर पर हम कार या बाइक का माइलेज “किलोमीटर प्रति लीटर” (km/l) में समझते हैं, लेकिन विमान के लिए इसे उस तरह से नहीं मापा जा सकता। फिर भी, विमान का ईंधन दक्षता (fuel efficiency) को किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री (km/l per passenger) के हिसाब से मापा जा सकता है।
उदाहरण:
- Boeing 747:
- अगर एक Boeing 747 में 400 यात्री हैं, और यह 12,000 लीटर ईंधन प्रति घंटे खपत करता है, तो अगर वह 800 किलोमीटर की दूरी तय करता है, तो इसका माइलेज लगभग 0.2 किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री होगा।
- Airbus A320:
- अगर A320 में 180 यात्री हैं, और यह 2,500 लीटर प्रति घंटा खपत करता है, तो इसका माइलेज 0.3 किलोमीटर प्रति लीटर प्रति यात्री होगा।
तुलना:
अब अगर हम कार और बाइक से तुलना करें:
- एक सामान्य कार का माइलेज लगभग 15-20 किलोमीटर प्रति लीटर होता है, और यह आमतौर पर एक या दो यात्रियों के लिए होता है।
- एक बाइक का माइलेज लगभग 30-40 किलोमीटर प्रति लीटर होता है, लेकिन यह सिर्फ एक या दो लोगों के लिए होता है।
विमान की ईंधन खपत इतनी ज्यादा होती है, क्योंकि वह उच्च गति पर और बहुत बड़े वजन के साथ उड़ता है। साथ ही, विमान को हवा में बहुत अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है, जो उन्हें जमीन पर चलने वाले वाहनों से कहीं अधिक ईंधन खपत करवाती है।
विमान के लिए ईंधन की आवश्यकता बहुत अधिक होती है और यही कारण है कि उनका माइलेज हमें सामान्य वाहन के माइलेज से समझने में कठिनाई होती है। लेकिन विमान के बड़े आकार और उसकी गति को देखते हुए, यह निस्संदेह बहुत अधिक ईंधन खपत करते हैं।
प्रमुख फैक्टर जो विमान के माइलेज को प्रभावित करते हैं:
- विमान का आकार: बड़े विमानों की ईंधन खपत ज्यादा होती है, क्योंकि उनमें अधिक यात्रियों और अधिक सामान का वजन होता है।
- उड़ान की दूरी: लंबी उड़ान में, विमान उच्च ऊँचाई पर उड़ते हैं, जहां वायुमंडलीय दबाव और तापमान उनकी ईंधन खपत को कम कर सकते हैं।
- वायु स्थितियाँ: हवा की दिशा और गति भी विमान की ईंधन खपत पर असर डाल सकती है। अगर हवा विपरीत दिशा में हो, तो ईंधन खपत बढ़ सकती है।
- विमान की डिजाइन: नवीनतम विमानों की डिजाइन अधिक ईंधन दक्ष होती है, जिससे उनका माइलेज बेहतर होता है।
- मूल्य: विमान की ईंधन खपत का आंकड़ा एयरलाइन के संचालन, किफायती इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य ऑपरेशन लागतों पर भी निर्भर करता है।
कुल मिलाकर, विमान का माइलेज जमीन पर चलने वाले वाहनों से काफी अलग होता है, और इसे यात्री-प्रतिस्थापन (passenger per kilometer) के हिसाब से ज्यादा बेहतर समझा जाता है।
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