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Nepal Dashain Festival: ये है नेपाल का सबसे बड़ा त्योहार, जिसमें दी जाती है जानवरों की बलि; जानें इसकी खासियत

nepal-dashain-festival-2025- Nepal Dashain Festival: ये है नेपाल का सबसे बड़ा त्योहार, जिसमें दी जाती है जानवरों की बलि; जानें इसकी खासियत

Dashain Festival Nepal: हर देश में अलग-अलग धर्मों का पालन किया जाता है और सभी धर्मों में अपनी मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार त्योहार भी मनाए जाते हैं. दुनियाभर में कई त्योहार ऐसे मनाए जाते हैं, तो अपनी अनोखी परंपराओं को लेकर प्रचलित हैं. इन्हीं त्योहारों में से एक है दशैन त्योहार. यह त्योहार नेपाल का सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे वहां के हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. हर साल होने वाला यह त्योहार पूरे 15 दिनों तक चलता है. चलिए आपको इस त्योहार के बारे में विस्तार से बताएंगे.

दशईं त्योहार क्या है?

नेपाल का दशैन त्योहार सबसे लंबा और सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर साल सितंबर या अक्टूबर में 15 दिनों तक मनाया जाता है. इसे बडादशैँ या मोहनी और दशईं के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का जश्न मनाया जाता है. इस दौरान नेपाल के लोग अपने परिवारों के साथ इकट्ठा होते हैं, देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. साथ ही, यह फसल कटाई का भी प्रतीक है और पूरे देश में खुशी और समृद्धि लाता है.

नेपाली दशईं त्योहार 2025

इस साल 2025 में दशैन का त्योहार 22 सितंबर को घटस्थापना के साथ शुरू होकर 6 अक्टूबर को कोजागृत पूर्णिमा पर समाप्त होगा. यह देवी दुर्गा की पूजा और महिषासुर पर उनकी जीत का जश्न है. दशैन त्योहार 15 दिनों तक चलता है. इसे फसल के मौसम के अंत और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इसमें घटस्थापना (जौ के बीज बोना), फूलपाती (पवित्र फूलों और पत्तियों को लाना) और विजय दशमी (बड़े से टीका और आशीर्वाद प्राप्त करना) जैसे अनुष्ठान शामिल होते हैं.

दशैन से जुड़ी परंपराएं

घटस्थापना:- यह दशईं त्योहार का पहला दिन होता है और इसमें एक पवित्र कलश में जौ के बीज बोए जाते हैं, जिन्हें जमारा कहते हैं. बाद में ये पीली घास में बदल जाते हैं.

जमारा:- जमारा के बाद में विजय दशमी पर आशीर्वाद के रूप में परिवार के सदस्यों के सिर पर लगाया जाता है.

टीका:- विजय दशमी के दिन परिवार के सदस्य चावल, दही और सिंदूर के लाल मिश्रण से टीका लगाते हैं.

फूलपाती:- इस त्योहार के सातवें दिन फूलपाती मनाई जाती है.

झूले और पतंगें:- दशैन के दौरान लोग झूले झूलते हैं और पतंगें उड़ाते हैं.

पारंपरिक भोजन:- इस दौरान बकरी का मांस, सेल रोटी (चावल की एक प्रकार की तली हुई रोटी) और दाल जैसे व्यंजन तैयार किए जाते हैं.

इस त्योहार के नौवे दिन को ‘काठमांडू के तालेजू मंदिर का खुलना’ भी कहते हैं. नेपाल में दशईं के दौरान कई कार्यालय और सार्वजनिक सेवाएं बंद रहती हैं. साथ ही, दशईं उत्सव के दौरान महाष्टमी और महा नवमी के दिन हनुमान ढोका के तलेजु मंदिर में जानवरों की बलि दी जाती है.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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