AI के ज़रिए कई तरह के खतरनाक स्कैम हो रहे हैं, और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। कुछ सामान्य प्रकार के AI-आधारित स्कैम्स में शामिल हैं:
- Deepfake वीडियो और ऑडियो स्कैम्स: AI की मदद से किसी भी व्यक्ति की आवाज़ और चेहरे की नक़ल बनाई जा सकती है। धोखेबाज लोग इन तकनीकों का इस्तेमाल करके किसी को फ़ोन कॉल या वीडियो कॉल में धोखा देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जैसे, आपके किसी रिश्तेदार या दोस्त की आवाज़ में कॉल करके पैसे की मांग करना।
- फ़िशिंग और स्पैम मैसेजेस: AI का उपयोग करके फिशिंग मेल्स और मैसेजेस और अधिक पर्सनलाइज्ड और आकर्षक बनाये जाते हैं। ये मेल्स एकदम असली लग सकते हैं और यूज़र को धोखा देकर उनके अकाउंट की जानकारी चुराने के लिए लिंक भेज सकते हैं।
- कस्टम AI चैटबॉट्स: AI चैटबॉट्स का उपयोग करके स्कैमर्स किसी कंपनी के रूप में संवाद करते हैं। ये चैटबॉट्स इतने बुद्धिमान होते हैं कि वे आपकी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि बैंक डिटेल्स, पासवर्ड्स, आदि।
- ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम्स: AI का इस्तेमाल फेक ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स बनाने में भी किया जाता है। ये साइट्स वैध दिखती हैं, लेकिन असल में किसी भी उत्पाद की डिलीवरी नहीं होती और आपका पैसा ग़ायब हो जाता है।
- बॉट्स और ऑटोमेटेड ट्रांसक्शन स्कैम्स: AI बॉट्स का इस्तेमाल करके स्कैमर बैंकिंग ट्रांजेक्शंस और अन्य ऑनलाइन सिस्टम्स में घुसपैठ कर सकते हैं। बॉट्स का उपयोग करके ये अपने आपको वेरिफाइड यूज़र की तरह पेश करते हैं और फिर किसी के खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
इस तरह के स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना ज़रूरी है। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, अपने ऑनलाइन अकाउंट्स का पासवर्ड मजबूत और अलग रखें, और हमेशा दो-चरणीय प्रमाणन का इस्तेमाल करें।
सावधान कैसे रहें-
AI-आधारित स्कैम्स से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
1. फिशिंग और धोखाधड़ी ईमेल्स से बचें:
- संदिग्ध ईमेल्स से बचें: किसी भी अजनबी या संदिग्ध ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि मेल असली है, खासकर अगर मेल में अचानक पैसों की मांग हो या अकाउंट से संबंधित जानकारी मांगी जाए।
- समान या अजीबोगरीब डोमेन को पहचाने: बहुत बार स्कैमर कंपनी के नाम के समान डोमेन का इस्तेमाल करते हैं। अगर मेल में गलती से शब्दों का प्रयोग हो जैसे “gooogle.com” (Google की जगह), तो सतर्क रहें।
2. सुरक्षित वेबसाइट का चयन करें:
- HTTPS का प्रयोग: जब भी आप किसी वेबसाइट पर लॉगिन करें या व्यक्तिगत जानकारी भरें, यह सुनिश्चित करें कि वह वेबसाइट “https://” से शुरू हो और वेबसाइट का URL एक सुरक्षित साइट की तरह दिखे (लॉक आइकन दिखना चाहिए)।
- वेरिफाइड साइट्स पर ही शॉपिंग करें: अनजान या नए ऑनलाइन स्टोर से खरीदारी करने से पहले उसकी वैधता और रिव्यूज़ चेक करें।
3. AI चैटबॉट्स और Deepfake से बचाव:
- ध्यान रखें कि आप किससे बात कर रहे हैं: AI चैटबॉट्स या वॉयस क्लोनिंग के जरिए स्कैमर्स आपको धोखा दे सकते हैं। जब कोई नया संपर्क बनाए, तो सुनिश्चित करें कि वह व्यक्ति या संस्था असल में सही है।
- साक्षात्कार और कॉल्स के दौरान सतर्क रहें: यदि कोई आपकी पहचान का उपयोग करके पैसे की मांग करता है, तो तुरंत उसकी पुष्टि करें (जैसे फोन कॉल करके) और कभी भी व्यक्तिगत जानकारी न दें।
4. पासवर्ड और सुरक्षा बढ़ाएं:
- मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें: हमेशा मजबूत पासवर्ड रखें और एक ही पासवर्ड को कई जगह इस्तेमाल न करें। पासवर्ड में अक्षर, अंक और विशेष चिन्हों का उपयोग करें।
- दो-चरणीय प्रमाणीकरण (2FA) सक्षम करें: यह अतिरिक्त सुरक्षा देता है, जिसमें आपको लॉगिन के दौरान एक अतिरिक्त कोड प्राप्त होता है जो आपके फोन या ईमेल पर आता है।
5. एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें:
- सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: हमेशा अपने डिवाइस पर एंटीवायरस और सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल रखें और समय-समय पर अपडेट करें।
- मालवेयर और स्पायवेयर से बचाव: अगर आपको लगता है कि आपकी डिवाइस पर कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही है, तो तुरंत जांच करें और यदि ज़रूरी हो तो एक नया एंटीवायरस स्कैन चलाएं।
6. सामान्य ज्ञान और सतर्कता बनाए रखें:
- संदिग्ध गतिविधियों से बचें: अगर कोई आपको बहुत जल्दी पैसे भेजने या किसी सौदे को तुरंत स्वीकार करने के लिए कहता है, तो वह एक रेड फ्लैग हो सकता है।
- कभी भी जानकारी न दें: बैंक खाते, पासवर्ड, पिन नंबर, या व्यक्तिगत जानकारी कभी भी फोन कॉल, ईमेल, या चैट में न दें, जब तक आप पूरी तरह से सुनिश्चित न हों कि वह व्यक्ति या संस्था असली है।
इन उपायों को अपनाकर आप AI आधारित स्कैम से बच सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।
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