
भारत में X, Y, Z और Z+ सुरक्षा श्रेणियों का विस्तृत विवरण 🚔🔍
भारत में VIP व्यक्तियों को दी जाने वाली सुरक्षा कई स्तरों पर वर्गीकृत होती है। यह सुरक्षा आतंकी हमलों, जानलेवा खतरों या संवेदनशील पदों पर मौजूद लोगों के लिए दी जाती है।
🔰 1. X सुरक्षा
✅ कुल सुरक्षा कर्मी: 2-4
✅ सुरक्षा देने वाली एजेंसी: राज्य पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स
✅ मुख्य विशेषताएँ:
- केवल 1 या 2 PSO (Personal Security Officer)
- कोई एस्कॉर्ट वाहन नहीं
- यह सबसे निचला स्तर की सुरक्षा मानी जाती है
👉 किसे मिलती है?
- मध्यम स्तर के राजनेता
- सरकारी अधिकारी
- पुलिस अफसर या सामाजिक कार्यकर्ता जिन पर हल्का खतरा हो
🔰 2. Y सुरक्षा
✅ कुल सुरक्षा कर्मी: 8-11
✅ सुरक्षा देने वाली एजेंसी: CRPF, CISF, NSG, या राज्य पुलिस
✅ मुख्य विशेषताएँ:
- 2-3 PSO (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी)
- 5-6 सुरक्षाकर्मी अलग-अलग शिफ्ट में
- आवश्यकतानुसार एक एस्कॉर्ट वाहन
👉 किसे मिलती है?
- हाई-प्रोफाइल लोग, छोटे राज्यों के मुख्यमंत्री
- सेलेब्रिटी, बिजनेसमैन, मीडिया पर्सनालिटी
- आतंकवाद के संभावित निशाने वाले लोग
🔰 3. Z सुरक्षा
✅ कुल सुरक्षा कर्मी: 22+
✅ सुरक्षा देने वाली एजेंसी: CRPF, CISF, NSG
✅ मुख्य विशेषताएँ:
- 4-5 PSO (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी)
- बुलेटप्रूफ गाड़ी उपलब्ध करवाई जा सकती है
- एस्कॉर्ट और पायलट गाड़ियाँ होती हैं
- घर, ऑफिस और यात्रा के दौरान चौबीसों घंटे सुरक्षा
👉 किसे मिलती है?
- उच्च पदस्थ राजनेता (केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री)
- हाई-प्रोफाइल जज और न्यायिक अधिकारी
- बड़े बिजनेसमैन जिनकी जान को खतरा हो
👤 Z सुरक्षा प्राप्त कुछ लोग:
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
- RSS प्रमुख मोहन भागवत
🔰 4. Z+ सुरक्षा (सबसे ऊँचा स्तर)
✅ कुल सुरक्षा कर्मी: 55+
✅ सुरक्षा देने वाली एजेंसी: NSG (National Security Guard), SPG (Special Protection Group), CRPF Commando
✅ मुख्य विशेषताएँ:
- ब्लैक कैट कमांडो तैनात किए जाते हैं
- बुलेटप्रूफ कार और हाई-सिक्योरिटी काफिला
- हर समय एस्कॉर्ट और पायलट गाड़ियाँ
- देश और विदेश में भी सुरक्षा कवरेज
- हाई-टेक सर्विलांस और ड्रोन निगरानी
👉 किसे मिलती है?
- प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और परिवार
- आतंकवादियों के निशाने पर रहने वाले VIPs
- हाई-प्रोफाइल राजनेता और उद्योगपति
👤 Z+ सुरक्षा प्राप्त कुछ लोग:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- गृहमंत्री अमित शाह
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी
❓ कौन तय करता है कि किसे सुरक्षा मिलेगी?
👉 केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय (MHA) खुफिया एजेंसियों (IB, RAW, पुलिस, CRPF) की रिपोर्ट के आधार पर यह तय करते हैं कि किस व्यक्ति को किस स्तर की सुरक्षा दी जाएगी।
💰 सुरक्षा का खर्च कौन उठाता है?
- राजनेता और सरकारी अधिकारी → सरकार द्वारा फंड किया जाता है।
- सेलेब्रिटी और बिजनेसमैन → खुद खर्च उठाते हैं (Z+ सुरक्षा के लिए ₹15-20 लाख/महीना तक खर्च हो सकता है)।
🔎
सुरक्षा श्रेणी | सुरक्षा कर्मी | प्रमुख विशेषताएँ | प्राप्त करने वाले लोग |
---|---|---|---|
X | 2-4 | 1-2 PSO, बिना एस्कॉर्ट | छोटे अधिकारी, कार्यकर्ता |
Y | 8-11 | 2-3 PSO, कभी-कभी एस्कॉर्ट | सेलेब्रिटी, छोटे नेता |
Z | 22+ | बुलेटप्रूफ कार, 4-5 PSO | मुख्यमंत्री, हाई-प्रोफाइल नेता |
Z+ | 55+ | NSG कमांडो, बुलेटप्रूफ काफिला | प्रधानमंत्री, गृह मंत्री |
भारत में Z+ की सुरक्षा कितनी है?
Z+ सिक्योरिटी का मतलब क्या होता है?
कितने लोगों के पास Y+ सिक्योरिटी है?
दुनिया की सबसे बड़ी सिक्योरिटी कौन सी है?
भारत में किसके पास Z सुरक्षा है?
भारत की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी कौन सी है?
भारत की खुफिया एजेंसी का नाम क्या है?