#अब बेटी बोझ नहीं
अब बेटी भी उड़ान भरेगी,सपनों की ऊँचाई छूएगी।न बोझ किसी का कहलाएगी,हर मुश्किल को पार करेगी। कलम उठाएगी, दुनिया बदलेगी,अपने हक की बात करेगी।अब ना रोकेगा कोई इसे,हर मंज़िल अब…
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