Delhi Riots: तोड़फोड़ और दुकान में आग लगाने के आरोप में कोर्ट का फैसला, छह लोग दोषी करार

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दंगा, तोड़फोड़ और एक दुकान में आग लगाने वाली गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने के आरोप में छह लोगों को दोषी ठहराया है. कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने हरिओम गुप्ता, बसंत कुमार मिश्रा, गोरख नाथ, रोहित गौतम, कपिल पांडे और भीम सेन को दोषी ठहराया.
सभी छह लोगों को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 (किसी लोक सेवक द्वारा जारी वैध आदेश की अवज्ञा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा), 149 (गैरकानूनी भीड़), 435 (आग या विस्फोटक पदार्थ से उत्पात), 436 और 450 (घर में अतिक्रमण) के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है.
खजूरी में दर्ज 2020 की एफआईआर 247 में यह घटनाक्रम सामने आया. खास पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. यह मामला मोहम्मद वकील नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से शुरू हुआ.
दुकान में आग लगाने का आरोप
वकील ने आरोप लगाया कि दंगों के दौरान, दंगाइयों ने उसकी दुकान और उसमें मौजूद सभी सामान जला दिए और उसे लगभग 1.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ. छह लोगों को दोषी ठहराते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि जिस गैरकानूनी जमावड़े का वे हिस्सा थे, उसका सिद्ध कृत्य यह था कि दंगाइयों की भीड़ ने एकजुट होकर वकील की दुकान में तोड़फोड़ की और सामान जला दिया, जिसका एक ही उद्देश्य दंगा, आगजनी और उपद्रव करना था.
अदालत ने आगे कहा कि गैरकानूनी जमावड़े ने वकील अहमद की दुकान में तोड़फोड़ करके और उसमें रखी चीज़ों को आग लगाकर दंगा किया था.
सजा पर कल से शुरू होगी बहस
अदालत ने कहा, “यह जमावड़ा लाठी और डंडों आदि से लैस था, अगर भीड़ द्वारा इनका इस्तेमाल किया जाता तो ये घातक हथियार बन सकते थे और इस तरह, इस जमावड़े ने घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने का अपराध किया.”
न्यायाधीश ने आगे कहा, “जैसा कि पहले चर्चा की गई है, गैरकानूनी जमावड़े का सामान्य उद्देश्य संपत्ति को नुकसान पहुंचाना था और इसी शरारत को आगे बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ता की दुकान से सामान निकालकर आग लगा दी गई.”अब सजा के बिंदु पर बहस के लिए मामले की सुनवाई 19 सितंबर को होगी.