Guru Pushya Yoga 2025: गुरु पुष्य योग क्यों कहलाता है राजाओं का योग, इस दिन क्या करना होता है सबसे शुभ?

Guru Pushya Yoga 2025 Auspicious Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार 18 सितंबर 2025 का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन गुरु पुष्य योग है. ज्योतिष शास्त्र में इसे राजाओं का योग कहा जाता है. जब बृहस्पति ग्रह और पुष्य नक्षत्र का मेल बनता है तो यह दुर्लभ संयोग जीवन में तरक्की और सौभाग्य लेकर आता है. इस योग में सामान खरीदना शुभ माना जाता है.ये दिन साधना करने वालों के लिए भी खास माना जाता है.
गुरु पुष्य योग की तिथि और मुहूर्
इस बार गुरु पुष्य योग 18 सितंबर 2025, गुरुवार को पड़ रहा है.
शुभ मुहूर्त: सुबह 06:07 बजे से 06:32 बजे तक (लगभग 25 मिनट) रहेगा.
नोट: यह समय दिल्ली/उत्तर भारत के आधार पर है. शहर और पंचांग के अनुसार कुछ मिनट का अंतर हो सकता है.
गुरु पुष्य योग का महत्व
पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है. जब इस नक्षत्र में बृहस्पति आते हैं, तो यह समय इतना पवित्र और शक्तिशाली बन जाता है कि किए गए हर शुभ कार्य का फल कई गुना बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस योग में खरीदी गई वस्तुएं कभी नष्ट नहीं होतीं और जीवन में स्थायी समृद्धि देती हैं.
इस दिन क्या करें शुभ काम
खरीदारी: सोना-चांदी, जमीन, वाहन और घर का सौदा इस दिन बेहद फलदायी होता है.
पूजा-पाठ: देवी-देवताओं की आराधना और विशेषकर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की पूजा से धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
मंत्र जाप और दान: इस दिन किए गए मंत्र-जाप और गरीबों को दिया गया दान कई गुना पुण्य देता है.
क्या न करें गुरु पुष्य योग में
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन विवाद, क्रोध और झूठ बोलने जैसी नकारात्मक चीजों से दूरी रखनी चाहिए. साथ ही किसी से धन का लेन-देन भी सावधानी से करना चाहिए.
18 सितंबर 2025 का गुरु पुष्य योग क्यों है खास
इस बार बनने वाला योग कई मायनों में अनोखा है क्योंकि यह पितृपक्ष के बीच में पड़ रहा है. ऐसे में पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और पूजा करने का भी विशेष महत्व होगा. कहा जाता है कि इस समय किया गया श्राद्ध पितरों को तृप्त करता है और घर-परिवार पर आशीर्वाद की वर्षा होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.