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Import-Export Business कैसे शुरू करें ?

भारत में Import-Export (आयात-निर्यात) व्यवसाय शुरू करना बहुत लाभदायक हो सकता है, लेकिन इसके लिए सही प्रक्रिया, दस्तावेज़ और बाज़ार की समझ जरूरी होती है। नीचे इस व्यवसाय को शुरू करने की Step-by-Step गाइड दी गई है:


🔰 Step-by-Step: Import-Export Business कैसे शुरू करें

✅ 1. बिज़नेस स्ट्रक्चर चुनें

  • Sole Proprietorship (व्यक्तिगत व्यापार)
  • Partnership
  • Private Limited Company (Pvt. Ltd.)
  • LLP (Limited Liability Partnership)

👉 अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो Proprietorship या LLP से शुरू कर सकते हैं।


✅ 2. GST पंजीकरण कराएं (GST Registration)

  • आयात/निर्यात में अधिकांश लेन-देन पर GST लागू होता है।
  • इसके लिए आपको GSTIN लेना होगा।


✅ 3. Import Export Code (IEC) Number प्राप्त करें

  • यह व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे ज़रूरी लाइसेंस है।
  • DGFT (Director General of Foreign Trade) से ऑनलाइन आवेदन करें: https://www.dgft.gov.in
  • जरूरी दस्तावेज़:
    • PAN कार्ड
    • आधार कार्ड
    • बैंक अकाउंट (CA preferred)
    • पासपोर्ट साइज फोटो
    • Firm का रजिस्ट्रेशन डॉक्युमेंट

💡 फीस: ₹500 (एक बार की प्रक्रिया)


✅ 4. बैंक में करें करेंट अकाउंट खोलें

  • आयात-निर्यात के लिए अलग से Business Current Account जरूरी होता है।

✅ 5. HS (Harmonized System) Code पता करें

  • जिस उत्पाद को आप आयात या निर्यात करना चाहते हैं, उसका HSN Code पता करें।
  • इसके आधार पर कस्टम ड्यूटी और रूल्स तय होते हैं।

✅ 6. उत्पाद (Product) और बाज़ार का चयन करें

  • किस प्रोडक्ट को बेचना या मंगवाना है?
  • कौन-से देश में डिमांड है?

उदाहरण:

CategoryExport ProductsImport Products
कृषिचावल, मसाले, फलतेल, दालें
टेक्सटाइलसाड़ी, कुर्तासिंथेटिक फैब्रिक
इंडस्ट्रियलमशीन पार्ट्सइलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स

✅ 7. विदेशी क्लाइंट और सप्लायर ढूंढना

  • आप इन प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहक ढूंढ सकते हैं:
    • Alibaba, TradeIndia, Indiamart, ExportersIndia
    • LinkedIn, WhatsApp Groups, B2B Trade Fairs
  • Email marketing और डिजिटल मार्केटिंग भी करें।

✅ 8. लॉजिस्टिक्स और शिपिंग

  • अंतरराष्ट्रीय माल भेजने के लिए Freight Forwarder चुनें
    • Sea Shipping (सस्ता, धीरे)
    • Air Shipping (महंगा, तेज़)

आपको Shipping Bill, Packing List, Invoice, Bill of Lading/Airway Bill जैसी डॉक्युमेंट्स तैयार करने होते हैं।


✅ 9. कस्टम क्लियरेंस और पोर्ट से माल भेजना

  • CHA (Custom House Agent) की मदद से कस्टम प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
  • EDI सिस्टम से अब बहुत कुछ ऑनलाइन होता है।

✅ 10. भुगतान कैसे लें?

  • बैंकिंग चैनल से भुगतान लेना जरूरी है (Forex)
  • सामान्य रूप से इन तरीकों से पेमेंट होता है:
    • Advance Payment
    • Letter of Credit (LC)
    • Documents Against Payment (DP)

💡 Export में बैंक से मिलने वाला लाभ:

  • Duty Drawback, MEIS, RoDTEP जैसी योजनाओं से टैक्स वापसी मिलती है।

📌 जरूरी संस्थाएं और पोर्टल्स

संस्थाकाम
DGFTIEC Code, Export Promotion
FIEOExporter Guidance
APEDAएग्रीकल्चर उत्पादों का निर्यात
ECGCExport Credit Insurance

🧠 सुझाव: शुरुआत में किस चीज़ से करें?

  • Low Risk Products से शुरुआत करें: मसाले, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल
  • खुद की वेबसाइट बनाएं
  • थोड़ा-थोड़ा करके भेजना शुरू करें (Trial Orders)

📈 Export Example: 1 लाख ₹ में शुरुआत

खर्चअनुमान
IEC Code₹500
GST Reg.₹500–₹1000
Website + Branding₹5000–₹10000
सैंपल + पैकिंग₹5000
Trial Shipment₹20000–₹30000

➡ कुल: लगभग ₹30,000–₹50,000 में छोटा एक्सपोर्ट शुरू किया जा सकता है।


“Duty Drawback”, “MEIS”, और “RoDTEP” भारत सरकार की ऐसी योजनाएँ हैं जो निर्यातकों को टैक्स और शुल्क वापसी के ज़रिए मूल्य प्रतिस्पर्धा में मदद देती हैं। यदि आप एक एक्सपोर्टर हैं, तो आप इन योजनाओं से सीधे आर्थिक लाभ उठा सकते हैं — बशर्ते आप इनका सही तरीके से दावा (claim) करें।


✅ 1. Duty Drawback Scheme (ड्यूटी ड्रॉबैक योजना)

🔹 क्या है?

आप जब कोई उत्पाद विदेश भेजते हैं, तो उसे बनाने में इस्तेमाल हुए इनपुट्स (raw materials) पर जो कस्टम ड्यूटी या टैक्स आप पहले भारत में दे चुके होते हैं — उनका एक हिस्सा आपको वापस मिल जाता है।

🔹 कैसे लाभ लें?

📌 जरूरी चीज़ें:

  • Shipping Bill में “Drawback Claimed” को YES करें
  • Bank Realisation Certificate (BRC) – यह दिखाता है कि आपको पेमेंट मिल चुका है
  • E-BRC और Export General Manifest (EGM) जरूरी होता है

✅ प्रक्रिया:

  1. शिपिंग करते समय Drawback Code जरूर डालें (DBK Code – DGFT वेबसाइट पर उपलब्ध)
  2. जब आपका EGM फाइल हो जाए और BRC आ जाए, तब ड्यूटी ड्रॉबैक बैंक अकाउंट में ऑटो क्रेडिट हो जाता है

💡 आमतौर पर 15-30 दिनों के भीतर पैसा आ जाता है।


✅ 2. MEIS (Merchandise Exports from India Scheme) ❌ (नोट: यह योजना अब बंद है)

⚠️ MEIS योजना 2020 में बंद कर दी गई थी और इसकी जगह RoDTEP और RoSCTL आ गई हैं। अगर आपने 2020 के पहले एक्सपोर्ट किया है तो MEIS के बकाया क्लेम DGFT से लिए जा सकते हैं।


✅ 3. RoDTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products)

🔹 क्या है?

RoDTEP एक नई स्कीम है जो उन टैक्स और ड्यूटीज़ की भरपाई करती है, जो जीएसटी या ड्यूटी ड्रॉबैक से कवर नहीं होतीं (जैसे बिजली पर टैक्स, मंडी टैक्स, ट्रांसपोर्ट टैक्स आदि)।

🔹 कितना लाभ मिलता है?

  • हर उत्पाद का अलग-अलग RoDTEP रेट होता है (0.5% से 4% तक FOB वैल्यू पर)
  • यह लाभ स्क्रिप (duty credit scrip) की तरह मिलता है, जिसे आप बेच भी सकते हैं या फ्यूचर इम्पोर्ट्स के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं

✅ कैसे Claim करें RoDTEP?

📌 शर्तें:

  • IEC और AD Code होना चाहिए
  • शिपिंग बिल में “RoDTEP” क्लेम करना अनिवार्य है
  • EGM फाइल होना जरूरी है

🔄 प्रक्रिया:

  1. जब आप शिपिंग बिल भरते हैं, तो RoDTEP क्लेम को Yes करें
  2. ICEGATE पोर्टल पर लॉगिन करें: https://www.icegate.gov.in
  3. “RoDTEP scrolls” डाउनलोड करें (यह स्क्रिप की तरह होता है)
  4. इसे बैंक या लाइसेंस ट्रेडर को बेच सकते हैं या अपने कस्टम ड्यूटी पेमेंट में उपयोग कर सकते हैं

🧾 जरूरी दस्तावेज़ (सभी योजनाओं के लिए):

दस्तावेज़उपयोग
Shipping BillRoDTEP/Drawback क्लेम
E-BRCपेमेंट प्रूफ
Invoice, Packing Listकस्टम डॉक्युमेंटेशन
GST रिटर्नटैक्स संबंधित प्रमाण
DGFT Profileएक्सपोर्टर पहचान के लिए

🔐 बोनस टिप:

यदि आप किसी CHA (Custom House Agent) या Freight Forwarder के साथ काम करते हैं, तो वे इन योजनाओं का क्लेम प्रोसेस सही से कर सकते हैं — विशेष रूप से जब आप शुरुआत में हैं।


📊 उदाहरण:

प्रोडक्टFOB वैल्यूRoDTEP रेटलाभ
कॉटन शर्ट₹1,00,0002%₹2,000
चाय₹5,00,0001.5%₹7,500

लाभ सीधे स्क्रिप के रूप में मिलेगा, जिसे आप बाद में भुना सकते हैं।


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