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PM Modi Japan Visit: जापान से आई खुशखबरी… भारतीयों को नौकरी, स्कॉलरशिप और रिसर्च के ऑफर, जानें क्या है प्लान

japan PM Modi Japan Visit: जापान से आई खुशखबरी… भारतीयों को नौकरी, स्कॉलरशिप और रिसर्च के ऑफर, जानें क्या है प्लान
PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जापान यात्रा पर हैं. इस बीच जापान से भारतीयों के लिए खुशखबरी आई है. असल में दाेनों देशों ने ह्यूमन रिसोर्स एक्सचेंज एक्शन प्लान का ऐलान हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम किशिदा फुमियो ने वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान इस महत्वाकांक्षी प्लान की शुरुआत की है. इस प्लान के तहत भारतीयों को जापान की तरफ से नौकरियों के साथ ही, रिसर्च वर्क, स्कॉलरशिप के ऑफर मिलेंगे. हालांकि इसी तरह के ऑफर भारत की तरफ से जापानी नागरिकों को भी दिए जाने हैं.
आइए जानते हैं कि भारत और जापान का ह्यूमन रिसोर्स एक्सचेंज एक्शन प्लान क्या है? इससे कैसे भारत के नौकरीपेशा, छात्र, शिक्षक, इंजीनियर्स को फायदा होना है.

5 लाख का आदान-प्रदान, 50 हजार को जापान में मिलेगा काम

ह्यूमन रिसोर्स एक्सचेंज एक्शन प्लान से भारत और जापान रिश्तों की नई इबारत लिखने के लिए तैयार हैं. इस प्लान के तहत वाले पांच सालों में 5 लाख लोगों का दोतरफा आदान-प्रदान होगा. प्लान के अनुरूप 50 हजार कुशल भारतीय युवाओं और प्रतिभाओं को जापान भेजा जाएगा, जहां वे रोजगार, शोध और प्रशिक्षण के अवसरों से जुड़ेंगें. इन 50 हजार लोगों में इंजीनियर, शिक्षक, छात्र, स्किल्ड लेबर शामिल हैं.
इंजीनियर और शिक्षक: प्लान के तहत भारतीय इंजीनियरों और शिक्षकों को जापान में नौकरी और शोध का मौका मिलेगा. जापान के JET प्रोग्राम के तहत वहां पर भारतीय अंग्रेजी भाषा सहायक शिक्षकों की भी तैनाती होगी.

स्टूडेंट और रिसर्चर: भारतीय छात्रों और वैज्ञानिकों को MEXT स्कॉलरशिप और Sakura Science Exchange जैसी योजनाओं से लाभ मिलेगा. वहीं नया MIRAI-SETU कार्यक्रम और LOTUS प्रोग्राम रिसर्च व उद्योग-शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देंगे. इसी तरह स्कूल स्तर पर युवाओं के साइंस एक्सचेंज कार्यक्रम भी शुरू होंगे.

स्किल्ड लेबर : जापान के Specified Skilled Worker (SSW) सिस्टम के तहत भारतीय युवाओं की भर्ती होगी. पूरे भारत में जापानी भाषा और कौशल टेस्ट सेंटर खोले जाएंगे. प्रवासी कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को रवाना होने से पहले जापानी भाषा और कार्यस्थल प्रशिक्षण दिया जाएगा.

स्किल डेवपलमेंट : India-Japan Talent Bridge और INPACT जैसे प्रोग्राम भारतीय युवाओं को जापानी उद्योगों के लिए तैयार करेंगे. जापान की प्रबंधन और विनिर्माण विशेषज्ञता भारत में कौशल विकास को बढ़ाएगी. जापान में योग और आयुर्वेद केंद्र भी खोले जाएंगे.
लैंग्वेज ट्रेनिंग : भारत में जापानी भाषा की पढ़ाई को प्रोत्साहन मिलेगा. NIHONGO Partners Programme के तहत जापानी शिक्षक भारत भेजे जाएंगे. भारत में जापानी भाषा टेस्ट सेंटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
समर्थन और जागरूकता: दोनों देशों में जॉब फेयर, कैंपेन और संगोष्ठियां होंगी. भारतीय मिशन जापान में छात्रों और पेशेवरों को ऑन-अराइवल सपोर्ट और ग्रिवांस रिड्रेसल देंगे. भारत-जापान टैलेंट मोबिलिटी पोर्टल और राज्यों-प्रिफेक्चरों की साझेदारी से रोजगार अवसरों को और गति मिलेगी.

क्यों अहम है यह योजना?

एक्सपर्ट मान रहे हैं कि कि भारत और जापान के बीच यह समझौता केवल रोजगार और शिक्षा का अवसर नहीं है, बल्कि आने वाले दशक में रणनीतिक साझेदारी को गहराई देने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है. असल में जापान जहां जनसंख्या संकट और श्रम की कमी से जूझ रहा है, वहीं भारत के पास युवा प्रतिभाओं का विशाल पूल है. IT, AI, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में यह साझेदारी दोनों देशों को नई ताकत देगी.

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